आल्हा छंद
जीत सत्य की होती हरदम, हर पल सत्य हमारे साथ ।
मात दिए धनबल भुजबल को, इष्ट हमारे हैं रघुनाथ ।।
छप्पन इंची छाती अपनी, मनबल सागर सम बलखाय।
देश प्रेम संकल्प हमारा, काल हमें क्या तनिक डिगाय ।
रावण जैसे चीन हुंकारें, रामा दल हम रखे सजाय ।
चीन पाक के चाल सभी अब, धरती रज में देब मिलाय ।
दम्भ चीन का आज बढ़ा है, दंभ कुचलकर हाथ धराब
पाक नेपाली सांठगांठ पर, हांगकांग का डोर मिलाब ।
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