‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

Nawakar

Ramesh Kumar Chauhan

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है

विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

मेरा जीवन

मेरा जीवन एक धरोहर । कभी सुर्ख तो कभी मनोहर 
मेरा जीवन है बच्चों का । स्वप्न स्नेहिल प्रिय सच्चों का

गढ़ना है मुझको जीवन पथ । दौड़ सके जिसमें उनका रथ
दिन का सूरज दीप निशा का । प्रहरी बनाना सभी दिशा का 

संस्कारों की ज्योति जलानी । बचा सके जो मेरा पानी
 देश बड़ा है पहले जाने । बड़ा स्वर्ग से इसको माने

जिस धरती पर देह धरा है । वही धरा तो स्वर्ण खरा है
फिर पूजे वह देव सनातन । बांटे सबको वह अपनापन
-रमेश चौहान

कोरोना महामारी पर दोहे

देख महामारी कहर, सारी दुनिया दंग ।
कहना सबका एक है, रहना घर में बंद ।
समय परिस्थिति देख कर, करता है जो काम ।
अजर अमर इतिहास में, अंकित करता नाम ।
आंधी अंधा होत है, कर सके न पहचान ।
कौन दीन अरु है धनी, कौन निरिह बलवान ।।
-रमेश चौहान

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