‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

Nawakar

Ramesh Kumar Chauhan

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क्या बदला जीवन में

धरती सूूूूरज चांंद सितारे, अरु जीवोंं का देेेेह । देेेख रहा हूँ जब सेे जीवन, एक रूप अरु नेेेह ।। माँ की ममता प्यार बाप का, समरस मैंने पाया । मुझ पर उनकी चिंता समरस, जब से मुझको जाया ।। मेरे जीवन में सुख-दुख क्रम, दिवस-निशा क्रम के जैसे । कल भी सुख-दुख था जीवन में, अब भी वैसे के वैसे ।। भूख-प्यास शाश्वत काया का, मैंने जीवन में पाया । मेरे तन के चंचल...

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