मांगे आज सबूत, करे जो शोर चुनावी ।
सोच रहा है देश, हुआ किसका बदनामी ।।
देख नियत पर खोट, नियत अपना ना देखे ।
निश्चित ये करतूत, शत्रु ने हाथ समेखे ।
प्रमाण-पत्र देश-प्रेम का , तुझे अन्य से ना चाहिये ।
किन्तु हमें तो तुमसे सही, इसका इक सबूत चाहिये ।।
कल की बातें छोड़, आज का ही दिखलाओ ।
देख रहा जो देश, देश को ही बतलाओ ।।
कल की वह हर बात, दिखे जो...
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दंभ भरे है तंत्र
खड़े रहे हम पंक्ति, देखने नोट गुलाबी ।
वह अपने घर बैठ, दिखाते रहे खराबी ।।
पाले स्वप्न नवीन, पीर झेले अधनंगे ।
कोशिश किये हजार, कराने वह तो दंगे ।
जिसने घोला है जहर, रग में भ्रष्टाचार का ।
दंभ भरे है तंत्र वह, अपने हर व्यवहार का ...
कब समझेगा मर्म रे
हिन्दू मुस्लिम राग, छोड़ दे रे अब बंदे ।
कट्टरता को छोड़, छोड़ सब गोरख धंधे ।।
धर्म पंथ का काज, करे पावन तन मन को ।
पावन पवित्र स्नेह, जोड़ती है जन जन को ।।
राग द्वेष को त्याग कर अब, कर ले सब से प्रेम रे ।
मानव मानव सब एक है, कब समझेगा मर्म रे ...
सत्यमेव जयते (छप्पय छंद)
सत्य नाम साहेब, शिष्य कबीर के कहते ।
राम नाम है सत्य, अंत पल तो हम जपते ।।
करें सत्य की खोज, आत्म चिंतन आप करें ।
अन्वेषण से प्राप्त, सत्य को ही आप वरें ।।
शाश्वत है सत्य नष्वर जग, सत्य प्रलय में षेश है ।
सत्यमेव जयते सृश्टि में, शंका ना लवलेष है ।।
असत्य बन कर मेघ, सत्य रवि ढकना चाहे ।
कुछ पल को भर दंभ, नाच ले वह मनचाहे ।।
मिलकर राहू केतु,...
हिन्दी (छप्पय छंद)
हिन्दी अपने देश, बने अब जन जन भाषा ।
टूटे सीमा रेख, हमारी हो अभिलाषा ।।
कंठ मधुर हो गीत, जयतु जय जय जय हिन्दी ।
निज भाषा के साथ, खिले अब माथे बिन्दी ।।
भाषा बोली भिन्न है, भले हमारे प्रांत में ।
हिन्दी हम को जोड़ती, भाषा भाषा भ्रांत में ...
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