अटल अटल है आपका, ध्रुव तरा सा नाम ।
बोल रहा हर गांव में, पहुंच सड़क का काम ।।
जोड़ दिए हर गांव को, मुख्य सड़क के साथ।
गांव शहर से जब जुड़ा, कारज आया हाथ ।
बदल दिया जीवन जगत, देकर हमें विचार ।
आम लोग भी खाश हैं, दिए अटल आचार ।।
लोकतंत्र का ध्येय जब, था धूसर तम श्याम।
अंत्योदय का नाद कर, अटल किए निजी काम ।।
स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, गढ़ा देश का साख।
दम्भ पोखरण का अटल, केवल था नहिं राख ।।