‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

Nawakar

Ramesh Kumar Chauhan

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लोकतंत्र करे अपील (छंदमाला)

दोहाबड़े जोर से बज रहे, सुनो चुनावी ढोल ।साम दाम सब भेद से, झुपा रहे निज पोल ।। सोरठालोकतंत्र पर्व एक, सभी मनाओं पर्व यह ।बने देश अब नेक,, करो जतन मिलकर सभी ।। ललितगंभीर होत चोट वोट का, अपनी शक्ति दिखाओं ।जो करता हो काज देश हित, उनको तुम जीताओं ।।लोभ स्वार्थ को तज कर मतदाता, अपना देश बनाओ।हर हाथों में काम दिलावे, नेता ऐसा अजमाओ ।। गीतिका देश के...

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