ईश्वर से कुछ मांगना, प्रश्न बनाता एक ।
जग व्यापक सर्वज्ञ है ? या हम किये कुटेक ??
(कुटेक=अनुचित मांग)
क्या मांगू प्रभु आप से, जब रहते हो साथ ।
चिंता मैं क्यों कर करूं, जो पकड़े हो हाथ ।।
मेरे अनभल बात को चित्त धरें ना नाथ ।
मेरा मन तो स्वार्थ में, करे बात अकराथ ।।
सुख में विस्मृत कर गया, दुख में रहा न आस ।
कसे कसौटी आप जब, भूल गया यह दास ।।
श्रद्धा...
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लाल भयो, लाल भयो, लाल भयो रे
ब्रज के गोकुल में, ढोल मृदंग बाजे
घर घर हर गलीयन में, खुशीयां है छाजे ।।
लाल भयो, लाल भयो, लाल भयो रे,
नदं बाबा को आज, तो लाल भयो रे ।
गोप है आये, ग्वालिन है आये
नंद के द्वारे में, सब लोगन हर्षाये
लाला को देखने, देखो आकाश में,
सूर्य तारे संग, सब देवन है राजे । ।।
ब्रज के गोकुल में, ढोल मृदंग बाजे
घर घर हर गलीयन में, खुश्ीयां है छाजे ।।
लाल भयो,...
हे प्रभु दयानिधि, दीन दयाला
हे प्रभु दयानिधि, दीन दयाला
हे भक्त वत्सल, जगत कृपाला
सबुरी के बेर जुठे, आप भोग लगाये ।
विदुरानी के छिलके, आपको सुहाये ।
प्रेम के भूखे प्रभु, प्रेम मतवाला ।। हे भक्त वत्सल, जगत कृपाला
केवट के सखा बने, छाती से लगाये ।
सुदामा के पांव धोये, नयन नीर छलकाये ।
दीनों के नाथ प्रभु, दीनन रखवाला ।। हे भक्त वत्सल, जगत कृपाला
श्रद्धा के भोग गहो, यहां तो आके...
भजन- बासुरिया ओ........ बासुरिया
बासुरिया ओ........ बासुरिया
बासुरिया तू धन्या , खूब बजती ।
लब लिपटी कान्हा के, मोहे जगती ।
बासुरिया ओ........ बासुरिया
तू ताल छेड़े राग छेड़े, छेड़े रागनी ।
सुन सांझ जगे चांद जगे, जगे चांदनी ।
बासुरिया ओ........ बासुरिया
पेड़ सुने, जंगल सुने, सुने बस्ती ।
कदम झूमे, युमना झूमे, झूमे कश्ती ।।
बासुरिया ओ........ बासुरिया
कान्हा चले, ग्वालन छेड़े,...
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