ब्रज के गोकुल में, ढोल मृदंग बाजे
घर घर हर गलीयन में, खुशीयां है छाजे ।।
लाल भयो, लाल भयो, लाल भयो रे,
नदं बाबा को आज, तो लाल भयो रे ।
गोप है आये, ग्वालिन है आये
नंद के द्वारे में, सब लोगन हर्षाये
लाला को देखने, देखो आकाश में,
सूर्य तारे संग, सब देवन है राजे । ।।
ब्रज के गोकुल में, ढोल मृदंग बाजे
घर घर हर गलीयन में, खुश्ीयां है छाजे ।।
लाल भयो, लाल भयो, लाल भयो रे,
नदं बाबा को आज, तो लाल भयो रे ।
जगत के परम पिता, आज तो लाल भयो है
बैकुण्ड़ को छोड़ कर, अवतार लियो है
प्रभु को साथ देने, देखो तो गोकुल में
रिद्धी सिद्धी सभी तो, द्वार पर है विराजे ।।
ब्रज के गोकुल में, ढोल मृदंग बाजे
घर घर हर गलीयन में, खुशीयां है छाजे ।।
लाल भयो, लाल भयो, लाल भयो रे,
नदं बाबा को आज, तो लाल भयो रे ।
घर घर हर गलीयन में, खुशीयां है छाजे ।।
लाल भयो, लाल भयो, लाल भयो रे,
नदं बाबा को आज, तो लाल भयो रे ।
गोप है आये, ग्वालिन है आये
नंद के द्वारे में, सब लोगन हर्षाये
लाला को देखने, देखो आकाश में,
सूर्य तारे संग, सब देवन है राजे । ।।
ब्रज के गोकुल में, ढोल मृदंग बाजे
घर घर हर गलीयन में, खुश्ीयां है छाजे ।।
लाल भयो, लाल भयो, लाल भयो रे,
नदं बाबा को आज, तो लाल भयो रे ।
जगत के परम पिता, आज तो लाल भयो है
बैकुण्ड़ को छोड़ कर, अवतार लियो है
प्रभु को साथ देने, देखो तो गोकुल में
रिद्धी सिद्धी सभी तो, द्वार पर है विराजे ।।
ब्रज के गोकुल में, ढोल मृदंग बाजे
घर घर हर गलीयन में, खुशीयां है छाजे ।।
लाल भयो, लाल भयो, लाल भयो रे,
नदं बाबा को आज, तो लाल भयो रे ।
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