‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

Nawakar

Ramesh Kumar Chauhan

उल्लाल छंद लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
उल्लाल छंद लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

देशप्रेम सबसे प्रथम

देशप्रेम सबसे प्रथम, बाकी मुद्दे बाद में । बलिदानी इस देश के, बोल रहे हैं याद में ।। प्राण दिये हैं हम यहाँ, एक आश विश्वास में । अखिल हिन्द सब एक हो, देशभक्ति की प्यास में ।। वह बलिदानी आपसे, माँग रहा बलिदान है । सुख का लालच छोड़ कर, करना अब मतदान है ।। -रमेश चौहान...

देश भक्ति का चंदन सजे, नित्य हमारे भाल में

( उल्लाल छंद) देश हमारा हम देश के, देश हमारा मान है । मातृभूमि ऊंचा स्वर्ग से, भारत का यश गान है ।। देश एक है सागर गगन  एक रहे हर हाल में । देश भक्ति का चंदन सजे, नित्य हमारे भाल में ।। धर्म हमारा हम धर्म के, जिस पर हमें गुमान है । धर्म-कर्म जीवन में दिखे,जो खुद प्रकाशवान है ।। फंसे रहेंगे कब तलक हम, पाखंडियों के जाल में । देश भक्ति...

Blog Archive

Popular Posts

Categories