राष्ट्र धर्म ही धर्म बड़ा है(सरसी छंद)राष्ट्र धर्म ही धर्म बड़ा है, राष्ट्रप्रेम ही प्रेम ।राष्ट्र हेतु ही चिंतन करना, हो जनता का नेम ।राष्ट्र हेतु केवल मरना ही, नहीं है देश भक्ति ।राष्ट्रहित जीवन जीने को, चाहिए बड़ी शक्ति ।कर्तव्यों से बड़ा नहीं है, अधिकारों की बात ।कर्तव्यों में सना हुआ है, मानवीय सौगात ।अधिकारों का अतिक्रमण भी, कर जाता...
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चुनावी होली
चुनावी होली
(सरसी छंद)
जोगीरा सरा ररर रा
वाह खिलाड़ी वाह.
खेल वोट का अजब निराला, दिखाये कई रंग ।
ताली दे-दे जनता हँसती, खेल देख बेढंग ।।
जोगी रा सरा ररर रा, ओजोगी रा सरा ररर रा
जिनके माथे हैं घोटाले, कहते रहते चोर ।
सत्ता हाथ से जाती जब-जब, पीड़ा दे घनघोर ।।
जोगी रा सरा ररर रा ओ जोगी रा सरा ररर रा
अंधभक्त जो युगों-युगों से, जाने इक परिवार ।
अंधभक्त...
हे भारत के भाग्य विधाता
हे भारत के भाग्य विधाता, मतदाता भगवान ।
नेताओं के कर्मों पर भी, देना प्रभु कुछ ध्यान ।।
देश आपका स्वामी आपहि, समरथ सकल सुजान ।
नेता नौकर-चाकर ठहरे, राजा आप महान ।।
देश आपको गढ़ना स्वामी, रख कर इसको एक ।
नौकर-चाकर ऐसे रखिये, वफादार अरु नेक ।।
शक्ति आपके पाकर के जो, केवल करते ऐश ।
निर्धन से जो धनवान हुये, बेच बेच कर देश ।।
जात-पात के खोदे खाई, ऊँच-नीच...
मैं बच्चों का बाप
है बच्चों का लालन-पालन, कानूनी कर्तव्य ।
पर कानूनी अधिकार नही, देवें निज मंतव्य ।।
पाल-पोष कर मैं बड़ा करूं, हूँ बच्चों का बाप ।
मेरे मन का वह कुछ न करे, है कानूनी श्राप ।।
जन्म पूर्व ही बच्चों का मैं, देखा था जो स्वप्न ।
नैतिकता पर कानून बड़ा, रखा इसे अस्वप्न ।।
दशरथ के संकेत समझ तब, राम गये वनवास ...
मूल्य समय का होता जग में
शादी करने आयु न्यूनतम, निश्चित है इस देश ।
नहीं अधिकतम निर्धारित है, यह भी चिंता क्लेष ।।
अल्प आयु में मिलन देह का, या विवाह संबंध ।
चिंता दोनो ही उपजाते, हो इन पर प्रतिबंध ।।
चढ़े प्रीत का ज्वर है सबको, जब यौवन तन आय ।
सपने में सपने का मिलना, नाजुक मन को भाय ।।
कच्चे मटके कच्चे होते, जाते हैं ये टूट ।
पकने से पहले प्रयोग का, नहीं किसी को छूट ।।
मूल्य...
बोल रहा है चीन
सुनो सुनो ये भारतवासी, बोल रहा है चीन ।
भारतीय बस हल्ला करते, होतें हैं बल हीन ।।
कहां भारतीयों में दम है, जो कर सके बवाल ।
घर-घर तो में अटा-पड़ा है, चीनी का हर माल ।।
कहां हमारे टक्कर में है, भारतीय उत्पाद ।
वो तो केवल बाते करते, गढ़े बिना बुनियाद ।।
कमर कसो अब वीर सपूतो, देने उसे जवाब ।
अपना तो अपना होता है, छोड़ो पर का ख्वाब ।।
नही खरीदेंगे हम...
गूॅंज रहे हैं व्योम
हर शिव हर शिव शिव शिव हर हर, शंभु सदाशिव ओम ।
हर हर महादेव शिव शंकर, गूॅंज रहे हैं व्योम ।।
परम सुहावन सावन आये, भक्त करे जयकार ।
साजे काॅवर कांधे पर ले, भक्त चले शिव द्वार ।।
दुग्ध शर्करा गंगा जल से, भक्त करे परिषेक ।
बेल पत्र अरू कनक पुष्प से, करे भक्त अभिषेक ।
आदिदेव को भक्त मनावे, करते आयुष्होम । हर हर महादेव...
अंग भभूती चंदन मल कर, करते...
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