‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

Nawakar

Ramesh Kumar Chauhan

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मन की आकांक्षा

मन की आकांक्षा(चौपाई)अधिकारों से कर्तव्य बड़ा । जिस पर जड़ चेतन जीव खड़ाधर्म नहीं हर कर्म अमर है । मौत क्या यह जीवन समर हैजीवन को हम सरल बनायें । चुनौतियों को विरल बनायेंनयनों में क्यों नीर बहायें । दृग को पहरेदार बनायेदेह नहीं मन को दुख होता । नयन नहीं अंतस ही रोतामन चाहे तो दुख...

कैसे पढ़ा-लिखा खुद को बतलाऊँ

 कैसे पढ़ा-लिखा खुद को बतलाऊँ(चौपाई छंद)पढ़-लिख कर मैंने क्‍या पाया । डिग्री ले खुद को भरमाया ।।काम-धाम मुझको ना आया ।केवल दर-दर भटका खाया ।। फेल हुये थे जो सहपाठी । आज धनिक हैं धन की थाती । सेठ बने हैं बने चहेता । अनपढ़ भी है देखो नेता ।।श्रम करने जिसको है आता । दुनिया केवल उसको भाता ।। बचपन से मैं बस्‍ता ढोया । काम हुुुुनर मैं हाथ न बोया ।।ढ़ूढ़...

चलो नई शुरुआत करें

चलो नई शुरुआत करें हम ।  गम को तज मन खुशी भरें हम चलिए बाधा दौड़ लगाएं । हर बाधा को धूल चटाएं संघर्ष विहिन जीवन  कैसा । पथ पर पाहन जड़वत जैसा छल-छल कल-कल नदियां बहती । क्या वह कोई बाधा ना सहती ज्ञानवान हो बुद्धिमान हो । हे मानव तुम तो सुजान हो घोर निशा में दीप जलाए । तुमने ही तम घोर भगाए जीवन बाधा से क्यों घबराएं । समय बिते पर ...

मेरा जीवन

मेरा जीवन एक धरोहर । कभी सुर्ख तो कभी मनोहर मेरा जीवन है बच्चों का । स्वप्न स्नेहिल प्रिय सच्चों कागढ़ना है मुझको जीवन पथ । दौड़ सके जिसमें उनका रथदिन का सूरज दीप निशा का । प्रहरी बनाना सभी दिशा का संस्कारों की ज्योति जलानी । बचा सके जो मेरा पानी देश बड़ा है पहले जाने । बड़ा स्वर्ग से इसको मानेजिस धरती पर देह धरा है । वही धरा तो स्वर्ण...

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