‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

चलो नई शुरुआत करें

चलो नई शुरुआत करें हम ।  गम को तज मन खुशी भरें हम
चलिए बाधा दौड़ लगाएं । हर बाधा को धूल चटाएं

संघर्ष विहिन जीवन  कैसा । पथ पर पाहन जड़वत जैसा
छल-छल कल-कल नदियां बहती । क्या वह कोई बाधा ना सहती

ज्ञानवान हो बुद्धिमान हो । हे मानव तुम तो सुजान हो
घोर निशा में दीप जलाए । तुमने ही तम घोर भगाए

जीवन बाधा से क्यों घबराएं । समय बिते पर  क्यों पछताएं
चलो उठें कुछ कर दिखलाएं । अपने सपनों को हम सहलाएं

आंख खोलकर स्वप्न सजाएं । उन सपनों का महल बनाएं
महल बने वह सुंदर न्यारा । मन को भाए जो अति प्यारा

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