‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

पहेलियां -बूझों तो जानें

1-
पीछा करता कौन वह, जब हों आप प्रकाश ।
तम से जो भय खात है, आय न तुहरे पास ।।

2-
श्वेत बदन अरु शंकु सा, हरे रंग की पूंछ ।
सेहत रक्षक शाक है, सखा पहेली बूझ ।

3-
काष्ठ नहीं पर पेड़ हूँ, बूझो मेरा नाम ।
मेरे फल पत्ते सभी, आते पूजन काम ।।

4-
बाहर से मैं सख्त हूँ, अंतः मुलायम खोल । फल मैं ऊँचे पेड़ का, खोलो मेरी पोल ।।

5-
कान पकड़ कर नाक पर, बैठा कौन महंत ।
दृष्टि पटल जो खोल कर, कार्य करे ज्यों संत ।।
6-

तरुण लड़कपन में हरी, और वृद्ध में लाल ।
छोटी लंबी तीक्ष्ण जो, करती खूब कमाल ।।

7.
फले कटीले वृक्ष पर,  जिनकी खोल कठोर ।
बीज गुदे में  है गुथे, करे कब्ज को थोर ।।

-रमेश चौहान

उत्तर- 1. परछाई 2. मूली 3. केला 4.नारियल 5. चश्मा (ऐनक),  6. मिर्च 7.बेल (बिल्व)

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