‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

Nawakar

Ramesh Kumar Chauhan

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है

विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

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प्रेम और संबंध में पहले आया कौन

/तुकबंदी/

प्रेम और संबंध में पहले आया कौन ।
जिसने भी सुना यह प्रश्न साध रखा मौन ।।

कहने लगे मुर्गी पहले आया कि अंडा ।
कुछ इसी प्रकार का है यह तुम्हारा फंडा ।।

नहीं नहीं आसान है ।
कहां तुम्हारा ध्यान है ।।

अच्छा चलो एक दूसरा प्रश्न पूछते हैं ।
आओ मिलकर इसी पर  जुझते हैं ।।

तुम्हारी मां ने तुझे बेटा मानकर पहले प्यार किया ।
या कि तुझे प्यार करने के बाद बेटा मान लिया ।।

पहले माना ।
या पहले जाना ।।

चाहे संतान दुर्गुणी कुरूप हो ।
चाहे सद्गुणी स्वरूप हो ।।

फिर भी मां उससे प्रेम करती है ।
अपने से ज्यादा उस पर मरती है ।।

अब तो इस पहेली को बुझो ।
मन बुद्धि विवेक से जूझो ।।

-रमेश चौहान

बहाने भी खूब सिखें हैं हम,






रात चाहे शरद का अमावस हो, भोर का पथ रोक नहीं सकता
लक्ष्य चाहे झुरमुटों में गुम हो, अर्जुन दृष्टि में धूल झोक नहीं सकता

ढूंढ़ने वाले बिखरे रेत क्या ढेर से भी सुई ढूंढ निकाल लेते हैं
बहाने भी खूब सिखें हैं हम, पत्थर पर कोई सिर ठोक नहीं सकता

-रमेश चौहान

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