आल्हा छंद
जीत सत्य की होती हरदम, हर पल सत्य हमारे साथ ।
मात दिए धनबल भुजबल को, इष्ट हमारे हैं रघुनाथ ।।
छप्पन इंची छाती अपनी, मनबल सागर सम बलखाय।
देश प्रेम संकल्प हमारा, काल हमें क्या तनिक डिगाय ।
रावण जैसे चीन हुंकारें, रामा दल हम रखे सजाय ।
चीन पाक के चाल सभी अब, धरती रज में देब मिलाय ।
दम्भ चीन का आज बढ़ा है, दंभ कुचलकर...
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ईश्वर अल्ला नाम एक है
ये अल्ला के बंदे सुन लो, सुन लो ईश्वर के संतान ।
ईश्वर अल्ला नाम एक है, सुन लो अपने खोले कान ।।
निराकार साकार रूप तो, कण-कण का होता पहिचान ।
फल का रंग-रूप जगजाहिर, कौन स्वाद का देवे प्रमान ।।
प्रतिरूप फलों का दिखता है, स्वाद रहे जस तन में प्राण ।
स्वाद बिना फल होवे कैसा, फल बिन स्वाद चढ़े परवान ।।
जर्रा-जर्रा अल्ला बसता, कण-कण में होते भगवान ।
सूफी...
व्यवहार (आल्हा छंद)
हमें चाहिये सेवा करना, मातु-पिता वृद्धो के खास ।
हमें चाहिये बाते करना, मीठी-मीठी लेकर विश्वास ।।
चलना चाहिये सभी जन को, नीति- रीति के जो सद् राह ।
भले बुरे लोग सभी कहते, यह मानव जीवन की चाह ।।
भला लगे कहने सुनने में, बात आदर्श की सब आज ।
बड़ा कठिन हैं परंतु भैय्या, आत्मसात करना यह काज ।
चाहिये चाहिये सब कहते, पर तन मन से जाते हार ।
बात कहे ना...
नेताजी की महिमा गाथा (आल्हा)
नेताजी की महिमा गाथा, लोग भजन जैसे है गाय ।
लोकतंत्र के नायक वह तो, भाव रंग रंग के दिखाय ।।
नटनागर के माया जैसे, इनके माया समझ न आय ।
पल में तोला पल में मासा, कैसे कैसे रूप बनाय ।।
कभी कभी जनता संग खड़े, जन जन के मसीहा कहाय ।
मुफ्त बांटते राशन पानी, लेपटाप बिजली भरमाय ।
कभी मंहगाई पैदा कर, दीन दुखीयों को तड़पाय ।
बांट बेरोजगारी भत्ता, युवा शक्ति...
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