‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

Nawakar

Ramesh Kumar Chauhan

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त्रिवेणी

1.आंखों से झर झर झरते है झरने, मन चाहता है मर मर कर मरने जब आता है उनका ख्याल मन में 2.    सावन की रिमझिम फुहारे व झुले चल सखी मिल कर साथ झूले बचपन के बिझुड़े आज फिर मिले 3.    तू चल रफ्ता रफ्ता मै दोड़ नही सकता मन करता है ठहर जाने को टूट गया हू मै महंगाई जो सुरसा बन गई है रे जीवन 4.    मन है उदास...

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