‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

Nawakar

Ramesh Kumar Chauhan

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दीप पर्व की शुभकामनाएं

धनतेरस (कुण्‍डलियां छंद) आयुष प्रभु धनवंतरी, हमें दीजिए स्वास्थ्य  ।आज जन्मदिन आपका,   दिवस परम परमार्थ ।।दिवस परम परमार्थ,  पर्व यह धनतेरस का ।असली धन स्वास्थ्य, दीजिए वर सेहत का ।।धन से बड़ा "रमेश", स्वास्थ्य पावन पीयुष ।आयुर्वेद का पर्व, आज बांटे हैं आयुष...

हम मजदूर

रूपमाला छंद राम जाने राम जाने, कौन लाया रोग । हो गया है बंद दुनिया, कष्ट भोगे लोग ।। चीन दोषी चीन दोषी, राग छेडे ट्रंप । तेज गति से तेज दौड़े, ले करोना जंप ।। लाॅक डाउन लाॅक डाउन, बंद चारों खंद । काम धंधा बंद है जी, चार पैसा बंद ।। पेट मांगे भात दे दो, आज हम मजबूर । हाथ मांगे काम दे दो, लोग हम मजदूर ।...

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