रूपमाला छंद
राम जाने राम जाने, कौन लाया रोग ।
हो गया है बंद दुनिया, कष्ट भोगे लोग ।।
चीन दोषी चीन दोषी, राग छेडे ट्रंप ।
तेज गति से तेज दौड़े, ले करोना जंप ।।
लाॅक डाउन लाॅक डाउन, बंद चारों खंद ।
काम धंधा बंद है जी, चार पैसा बंद ।।
पेट मांगे भात दे दो, आज हम मजबूर ।
हाथ मांगे काम दे दो, लोग हम मजदूर ।...
दम्भ चीन का आज बढ़ा है (आल्हा छंद)
आल्हा छंद
जीत सत्य की होती हरदम, हर पल सत्य हमारे साथ ।
मात दिए धनबल भुजबल को, इष्ट हमारे हैं रघुनाथ ।।
छप्पन इंची छाती अपनी, मनबल सागर सम बलखाय।
देश प्रेम संकल्प हमारा, काल हमें क्या तनिक डिगाय ।
रावण जैसे चीन हुंकारें, रामा दल हम रखे सजाय ।
चीन पाक के चाल सभी अब, धरती रज में देब मिलाय ।
दम्भ चीन का आज बढ़ा है, दंभ कुचलकर...
रस छंद अलंकार
/रस/पढ़न श्रवण या दरश से, मिलते जो आनंद ।नाम उसी का रस कहे, काव्य मनीषी चंद ।।/छंद/यति गति तुक जिस काव्य में, अरु हो मात्रा भार ।अथवा मात्रा भार हो, बनते छंद विचार ।/अलंकार/आभूषण जो काव्य का, अलंकार है नाम ।वर्ण शब्द अरु अर्थ से, काव्य सजाना काम ।।-रमेश चौ...
दोहे
पेड़ मूल को छोड़कर , जीवित रह न पाय ।
जुड़कर अपनी मूल से, लहर-लहर लहराय ।।
अमरबेल जो चूसता, अन्य पेड़ का रक्त . ।
जितना चाहे फैल ले, पर हो सके न सख्त ।।
बड़े हुए नाखून को, ज्यों काटे हो आप ।
बुरी सोच भी काटिये, जो वैचारिक ताप ।।
रूप सजाने आप ज्यों, करते लाख उपाय ।
सोच सजाने भी करें, कछुक जतन मन भाय ।...
चलो नई शुरुआत करें
चलो नई शुरुआत करें हम । गम को तज मन खुशी भरें हम
चलिए बाधा दौड़ लगाएं । हर बाधा को धूल चटाएं
संघर्ष विहिन जीवन कैसा । पथ पर पाहन जड़वत जैसा
छल-छल कल-कल नदियां बहती । क्या वह कोई बाधा ना सहती
ज्ञानवान हो बुद्धिमान हो । हे मानव तुम तो सुजान हो
घोर निशा में दीप जलाए । तुमने ही तम घोर भगाए
जीवन बाधा से क्यों घबराएं । समय बिते पर ...
दोहे- सुबह सवेरे जागिए
सुबह सवेरे जागिए, जब जागे हैं भोर ।
समय अमृतवेला मानिए, जिसके लाभ न थोर ।।
जब पुरवाही बह रही, शीतल मंद सुगंध ।
निश्चित ही अनमोल है, रहिए ना मतिमंद ।।
दिनकर की पहली किरण, रखता तुझे निरोग ।
सूर्य दरश तो कीजिए, तज कर बिस्तर भोग ।।
दीर्घ आयु यह बांटता, काया रखे निरोग ।
जागो जागो मित्रवर, तज कर मन की छोभ ।...
चौहान के दोहे
समय बड़ा बलवान है, भाग्य समय का खेल ।बुरे समय में धैर्य से, होवे सुख से मेल ।।दुनिया प्यासी प्रेम का, प्रेम सुधा तू बाॅट ।थोथा थोथा फेक दे, ठोस बीज ले छाॅट ।।कर्म बड़ा है भाग्य से, करें कर्म का मोल ।ढोलक बोले थाप से, बोल सके न खोल...
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