आ लौट चलें,चकाचौंध से, दृश्य प्रकाश परशोर-गुल से, श्रव्य ध्वनि परसपनों की निद्रा से, भोर उजास परआखिर शाखाओं का अस्तित्व मूल से तो ही है ।आ लौट चलेंगगन की ऊँचाई से, धरा धरातल पर सागर की गहराई से, अवलंब भू तट परशून्य तम अंधियारे से, टिमटिमाते लौ के हद परआखिर मन के पर को भी थाह चाहिए यथार्थ का ।।आ लौट चलेंदूसरों के कंधों से, अपने पैरों पररील लाइफ...
ओम
भोले बाबा शंभु हर, हर-हर शंकर ओम ।बोल बम्ब की नाद से, गूंज रहा है व्योम ।।गूंज रहा है व्योम, बम्ब भोले का नारा ।बोल बम्ब जयकार, लगे भक्तों को प्यारा ।।कांवर लेकर कांध, राह पर भगतन बोले ।करें कामना पूर्ण, शंभु शिव बाबा भोले...
आग लगी पेट्रोल पर (दोहागीत)
आग लगी पेट्रोल पर, धधक रहा है देश ।राज्य, केन्द्र सरकार को, तनिक नहीं है क्लेश ।।मँहगाई छूये गगन, जमीदोज है आय ।जनता अपनी पीर को, कैसे किसे बताय ।।राज व्यपारी का दिखे, नेता भी अलकेश ।आग लगी पेट्रोल पर, धधक रहा है देश ।(अलकेश-कुबेर)राज्य कहे है केन्द से, और केन्द्र तो राज्य ।कंदुक के इस खेल का, केवल दिखे सम्राज्य ।।इसका करें निदान अब, तज नाहक उपदेश...
अँकुश व्यपारी पर नहीं
जनता मेरे देश का, दिखे विवश लाचार ।अँकुश व्यपारी पर नहीं, सौ का लिए हजार ।।सौ का लिए हजार, सभी लघु दीर्घ व्यपारी ।लाभ नीति हो एक, देश में अब सरकारी ।।कितना लागत मूल्य, बिक्री का कितना तेरे ।ध्यान रखें सरकार, विवश हैं जनता मेरे ।।&nb...
सजनी तेरे प्यार का, मोल नहीं संसार में
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आज करवा चौथ पर अपनी अर्धांगिनी के प्रति उद्गार-
सजनी तेरे प्यार का, मोल नहीं संसार में ।जिनगी तेरी खप गई, केवल मेरे प्यार में ।।जब से आई ब्याह कर, मुझ पर मरती रह गई।जीवन कष्टों को प्रिये, हॅंसते -हॅंसते सह गई ।।शक्कर जैसे घुल गई, तू मेरे परिवार में ।सजनी तेरे प्यार...
नारी का बहू रूप
नारी का बहू रूपनारी नाना रूप में, बहू रूप में सार ।
मां तो बस संतान की, पत्नी का पति प्यार ।
पत्नी का पति प्यार, मात्र पति को घर जाने ।
बेटी पन का भाव, मायका बस को माने ।।
सास-ससुर परिवार, बहू करती रखवारी ।
बहू मूल आधार, समझ लो हर नर नारी ।।नर के सारे काम में, दक्ष हुई अब नार ।नारी के हर काम को, करने नर तैयार ।।करने नर तैयार, काम में अंतर कैसे...
जनता जनार्दन !
जनता जनार्दन !वाह करतेवाह करते है लोगनेताओं परजब कटाक्ष होवेव्यवस्थाओं कीकलाई खोली जाएवही जनता बंद कर लेते हैंआँख, कान व मुॅंहअपनी गलती मेंक्या ऐ जनताव्यवस्था का अंग है?लोकतंत्र मेंनेताओं का जनक?खुद सुधरेंगेव्यवस्था सुधरेगीखुद से प्रश्नपूछिए भला आपभ्रष्टाचार लौधधकाया नहीं हैआहुति डालनियम खूंटी टांगकाम नहीं किए होसेंध लगाएसरकारी योजनानहीं डकारेसकरी...
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मानवता हो पंगु जब, करे कौन आचार । नैतिकता हो सुप्त जब, जागे भ्रष्टाचार ।। प्रथा कमीशन घूस हैे, छूट करे सरकार । नैतिकता के पाठ का,...
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जिसे भाता ना हो, छल कपट देखो जगत में । वही धोखा देते, खुद फिर रहे हैं फकत में ।। कभी तो आयेगा, तल पर परिंदा गगन से । उड़े चाहे ऊॅचे, मन...
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चरण पखारे शिष्य के, शाला में गुरू आज । शिष्य बने भगवान जब, गुरूजन के क्या काज ।। गुरूजन के क्या काज, स्कूल में भोजन पकते । पढ़ना-लिखना छ...
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योग दिवस के राह से, खुला विश्व का द्वार । भारत गुरू था विश्व का, अब पुनः ले सम्हार ।। गौरव की यह बात है, गर्व करे हर कोय । अपने ही इस...
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गणेश वंदना दोहा - जो गणपति पूजन करे, ले श्रद्धा विश्वास । सकल आस पूरन करे, भक्तों के गणराज ।। चौपाई हे गौरा गौरी के लाला । हे ल...
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लोकतंत्र के राज में, जनता ही भगवान । पाॅंच साल तक मौन रह, देते जो फरमान । द्वार द्वार नेता फिरे, जोड़े दोनो हाथ । दास कहे खुद को सदा, म...
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25.10.16 एक मंत्र है तंत्र का, खटमल बनकर चूस। झोली बोरी छोड़कर, बोरा भरकर ठूस ।। दंग हुआ यह देख कर, रंगे उनके हाथ । मूक बधिर बन आप ही, ...
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प्रेम का मै हू पुजारी, प्रेम मेरा आन है । प्रेम का भूखा खुदा भी, प्रेम ही भगवान है ।। वासना से तो परे यह, शुद्ध पावन गंग है । जीव में जी...
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चीं-चीं चिड़िया चहकती, मुर्गा देता बाँग । शीतल पवन सुगंध बन, महकाती सर्वांग ।। पुष्पकली पुष्पित हुई, निज पँखुडियाँ प्रसार । उद...
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मदिरापान कैसा है, इस देश समाज में । अमरबेल सा मानो, फैला जो हर साख में ।। पीने के सौ बहाने हैं, खुशी व गम साथ में । जड़ है नाश का दार...
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