‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

आग लगी पेट्रोल पर (दोहागीत)

आग लगी पेट्रोल पर, धधक रहा है देश ।

राज्य, केन्द्र सरकार को, तनिक नहीं है क्लेश ।।


मँहगाई छूये गगन, जमीदोज है आय ।

जनता अपनी पीर को, कैसे किसे बताय ।।

राज व्यपारी का दिखे, नेता भी अलकेश ।

आग लगी पेट्रोल पर, धधक रहा है देश ।

(अलकेश-कुबेर)


राज्य कहे है केन्द से, और केन्द्र तो राज्य ।

कंदुक के इस खेल का, केवल दिखे सम्राज्य ।।

इसका करें निदान अब, तज नाहक उपदेश ।

आग लगी पेट्रोल पर, धधक रहा है देश ।।


तिल-तिल है दिल जल रहा, जले रसोई गैस ।

खाद्य तेल सब्जी सभी, दिखा रहे हैं टैस ।।

मँहगाई के उत्पात से, जनता है निर्वेश ।

आग लगी पेट्रोल पर, धधक रहा है देश ।।


अटल अटल ना रह सका, उछले थे जब प्याज ।

मँहगाई के मूल्य का, बचा रहेगा ब्याज ।।

कर लो सोच विचार अब, हो जो आप प्रजेश ।

आग लगी पेट्रोल पर, धधक रहा है देश ।।


Blog Archive

Popular Posts

Categories