समय बड़ा बलवान है, भाग्य समय का खेल ।
बुरे समय में धैर्य से, होवे सुख से मेल ।।
दुनिया प्यासी प्रेम का, प्रेम सुधा तू बाॅट ।
थोथा थोथा फेक दे, ठोस बीज ले छाॅट ।।
कर्म बड़ा है भाग्य से, करें कर्म का मोल ।
ढोलक बोले थाप से, बोल सके न खोल ।।
Ramesh Kumar Chauhan
विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।
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