‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

लड़ना है मुझको


मैं
नही
चाहता
बिना लड़े
शहिद होना
युद्ध चाहता हूॅ
शत्रुओं को मारने ।।1।।

मैं
नहीं
कायर
शत्रुओं सा
बुजदिल भी
आमने-सामने
लड़ना है मुझको ।।2।।
-रमेश चौहान

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