‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

Nawakar

Ramesh Kumar Chauhan

शब्दभेदी बाण-3

25.10.16 एक मंत्र है तंत्र का, खटमल बनकर चूस। झोली बोरी छोड़कर, बोरा भरकर ठूस ।। दंग हुआ यह देख कर, रंगे उनके हाथ । मूक बधिर बन आप ही, जिनको देते साथ ।। ...

शब्द भेदी बाण-2

घाल मेल के रोग से,  हिन्दी है बीमार । अँग्रेजी आतंक से, कौन उबारे यार ।। हिन्दी की आत्मा यहाँ, तड़प रही दिन रात । देश हुये आजाद है,  या है झूठी बात ।। -रमेश चौह...

// शब्द भेदी बाण-1//

तोड़ें उसके दंभ को, दिखा रहा जो चीन । चीनी हमें न चाहिये, खा लेंगे नमकीन ।। राष्ट्र प्रेम के तीर से, करना हमें शिकार । बचे नही रिपु एक भी, करना ऐसे वार ।। - रमेश चौह...

बोल रहा है चीन

सुनो सुनो ये भारतवासी, बोल रहा है चीन । भारतीय बस हल्ला करते, होतें हैं बल हीन ।। कहां भारतीयों में दम है, जो कर सके बवाल । घर-घर तो में अटा-पड़ा है, चीनी का हर माल ।। कहां हमारे टक्कर में है, भारतीय उत्पाद । वो तो केवल बाते करते, गढ़े बिना बुनियाद ।। कमर कसो अब वीर सपूतो, देने उसे जवाब । अपना तो अपना होता है, छोड़ो पर का ख्वाब ।। नही खरीदेंगे हम...

‘मुरली से कोई बचे न बचे‘

मेरे इस गीत को स्वर दिये हैं-प्रेम पटेल ‘मुरली से कोई बचे न बच...

‘हे गौरी नंदन‘

मेरे इस गीत को स्वर दिये हैं -प्रेम पटेल ‘हे गौरी नंदन...

‘आदि देवी मातु तेरो आदि देव है पिता‘

मेरे इस गीत को स्वर दिये हैं -प्रेम पटेल ‘आदि देवी मातु तेरो आदि देव है पिता...

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