सुबह-सुबह का सैर तो, औषध हैअनमोल ।
रक्तचाप अरु शर्करा, नियत रखें बेमोल ।।
नियत रखें बेमोल, देह के भारीपन को ।
काया दिखे सुडौल, रिझाये जो निज जन को ।
प्रतिदिन उठो "रमेश", नींद तज सुबह-सुबह का ।
औषध है अनमोल, सैर तो सुबह-सुबह का ।।
-रमेश चौहान
रक्तचाप अरु शर्करा, नियत रखें बेमोल ।।
नियत रखें बेमोल, देह के भारीपन को ।
काया दिखे सुडौल, रिझाये जो निज जन को ।
प्रतिदिन उठो "रमेश", नींद तज सुबह-सुबह का ।
औषध है अनमोल, सैर तो सुबह-सुबह का ।।
-रमेश चौहान