काम नहीं है ऐसा कोई, जिसे न कर पाये नारी ।
पुरषों से दो पग आगे अब, कल की ओ बेचारी ।
पुरषों से दो पग आगे अब, कल की ओ बेचारी ।
निश्चित ही यह बात गर्व की, भगनी तनया आगे ।
हुई आत्मनिर्भर अब भार्या, मातु पिता सम लागे ।।
हुई आत्मनिर्भर अब भार्या, मातु पिता सम लागे ।।
नारी नर में होड़ लगे जब, नारी बाजी मारे ।
अवनी से अम्बर तक अब तो, नार कहीं ना हारे ।।
अवनी से अम्बर तक अब तो, नार कहीं ना हारे ।।
नारी के आपाधापी में, नारीत्व छूटे ना ।
मातृत्व स्वर्ग से होत बड़ा, तथ्य कभी टूटे ना ।।
मातृत्व स्वर्ग से होत बड़ा, तथ्य कभी टूटे ना ।।
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