मैं चाहता हूँ अपने जैसे ही होना
क्यों मढ़ते हो आदर्शो का सोना
अस्तित्व पीतल का भी होता है जग में
क्यों देख कर मुझको आता है रोना
क्यों मढ़ते हो आदर्शो का सोना
अस्तित्व पीतल का भी होता है जग में
क्यों देख कर मुझको आता है रोना
अटल अटल है आपका, ध्रुव तरा सा नाम । बोल रहा हर गांव में, पहुंच सड़क का काम ।। जोड़ दिए हर गांव को, मुख्य सड़क के साथ। गांव शहर से जब जुड़ा...
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