हे शिव भोले नाथ प्रभु, देखें नयन उघार ।
तेरे भक्तों पर हुआ, फिर से अत्याचार ।
फिर से अत्याचार, शत्रु मानव के करते ।
देव विरोधी दैत्य, प्राण भक्तों के हरते ।।
अमरनाथ के नाथ, भक्त हर-हर हर बोले ।
दुष्टों का संघार, करें अब हे शिव भोले ।।
तेरे भक्तों पर हुआ, फिर से अत्याचार ।
फिर से अत्याचार, शत्रु मानव के करते ।
देव विरोधी दैत्य, प्राण भक्तों के हरते ।।
अमरनाथ के नाथ, भक्त हर-हर हर बोले ।
दुष्टों का संघार, करें अब हे शिव भोले ।।
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