मोहन प्यारे हो कहां, ढ़ूढ़ रहा मन चैन ।
रात दिवस सब एक सा, लगे श्याम बिन रैन ।
लगे श्याम बिन रैन, कहे ग्वालन कर जोरे।
जैसे जल बिन मीन, दशा मन की है मोरे ।
बांध रखे हो आप, किये हम पर सम्मोहन ।
अब आ जाओ पास, कहां हो प्यारे मोहन ।
रात दिवस सब एक सा, लगे श्याम बिन रैन ।
लगे श्याम बिन रैन, कहे ग्वालन कर जोरे।
जैसे जल बिन मीन, दशा मन की है मोरे ।
बांध रखे हो आप, किये हम पर सम्मोहन ।
अब आ जाओ पास, कहां हो प्यारे मोहन ।