‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

Nawakar

Ramesh Kumar Chauhan

कोराेना का रोना

 कोरोना का रोना(कुण्‍डलियॉं)कोरोना का है कहर , कंपित कुंठित लोग ।सामाजिकता दांव पर, ऐसे व्यापे रोग ।ऐसे व्यापे रोग, लोग कैदी निज घर में ।मन में पले तनाव, आज हर नारी नर में ।।सुन लो कहे रमेश, चार दिन का यह रोना ।धरो धीर विश्वास, नष्ट होगा कोरोना ।तन से दूरी राखिये, मन से...

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