‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

कहते पिता रमेश

दुनियाभर की हर खुशी, तुझे मिले लोकेश ।
सुत ! सपनों का आस हो, कहते पिता रमेश ।।
कहते पिता रमेश, आदमी पहले बनना ।
धैर्य शौर्य रख साथ, संकटों पर तुम तनना ।।
देश और परिवार, प्रेम पावन अंतस भर ।
करके काम विशेष, नाम करना दुनियाभर ।।

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