मन में एक सवाल है, उत्तर की दरकार ।
आखिर कब से देश में, पनपा भ्रष्टाचार ।।
पनपा भ्रष्टाचार, किये नेता अधिकारी ।
एक अँगूठा छाप, दिखे क्या भ्रष्टाचारी ।।
शिक्षित लोग "रमेश", इसे फैलाये जन में ।
कैसी शिक्षा नीति, सोच कर देखें मन में ।।
आखिर कब से देश में, पनपा भ्रष्टाचार ।।
पनपा भ्रष्टाचार, किये नेता अधिकारी ।
एक अँगूठा छाप, दिखे क्या भ्रष्टाचारी ।।
शिक्षित लोग "रमेश", इसे फैलाये जन में ।
कैसी शिक्षा नीति, सोच कर देखें मन में ।।
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