फसे बाजारवाद में, देखो अपने लोग ।
लोभ पले इस राह में, बनकर उभरे रोग ।।
दो पौसे के माल को, बेचे रूपया एक ।
रीत यही व्यवसाय का, लगते सबको नेक ।
टोटा कर दो माल का, रखकर निज गोदाम ।
तब जाके तुम बेचना, खूब मिलेंगे दाम ।।
असल नकल के भेद को, जान सके ना कोय ।
तेरे सारे माल में, असल मिलावट होय ।।
टैक्स चुराने की कला, पहले जाके सीख ।
वरना इस व्यवसाय में,...
अगर है तेरी हिम्मत
तेरी हिम्मत देख कर, हुये लोग सब दंग ।
लड़ गैरों के साथ में, करते कितने तंग ।।
करते कितने तंग, जरा सी गलती देखे ।
दौड़े दांतें चाब, डंड हाथों में लेके ।
अपनी बारी देख, आपकी क्या है किम्मत ।
अपनी गलती देख, अगर है तेरी हिम्मत ।।
...
नश्वर इस संसार में
नश्वर इस संसार में, नाशवान हर कोय ।
अपनी बारी भूल कर, लोग जगत में खोय ।।
जन्म लिये जो इस जगत, जायेंगे जग छोड़ ।
जग माया में खोय जो, जायेंगे मुख मोड़ ।।
सार जगत में है बचे, यश अपयश अरू नाम ।
सोच समझ कर रीत को, कर लो अपना काम ।।
...
आॅंख खोल कर देख लो
रोजगार की चाह में, बने हुये परतंत्र ।
अंग्रेजी के दास हो, चला रहे हैं तंत्र ।।
अपनी भाषा भूल कर, क्या समझोगे मर्म ।
अंग्रेजी में बात कर, करे कहां कुछ शर्म ।।
है भाषा यह विश्व की, मान गये हम बात ।
पर अपनो के मध्य में, बनते क्यों बेजात ।।
आॅंख खोल कर देख लो, चीन देश का काम ।
अपनी बोली में बढ़े, किये जगत में नाम ।।
हिन्दी भाषी भी यहां, देवनागरी छोड़...
रोमन लिखते आप क्यों
रोमन लिखते आप क्यों, देवनागरी छोड़
अपनी भाषा और लिपि, जगा रही झकझोर ।।
जगा रही झकझोर, याद पुरखो का कर लो ।
जिसने खोई जान, सीख उनकी तुम धर लो ।।
रहना नही गुलाम, रहो चाहे तुम जोगन ।
हुये आजाद आप, लिखे क्यो अबतक रोमन ।...
चिंतन के दोहे
आतंकी करतूत से, सहमा है संसार ।
मिल कर करे मुकाबला, कट्टरता को मार ।।
कट्टरता क्यों धर्म में, सोचो ठेकेदार ।
मर्म धर्म का यही है, मानव बने उदार ।।
खुदा बने खुद आदमी, खुदा रहे बन बूत ।
करें खुदा के नाम पर, वह ओछी करतूत ।।
छिड़ा व्यर्थ का वाद है, कौन धर्म है श्रेष्ठ ।
सार एक सब धर्म का, सार ग्र्रहे सो ज्येष्ठ ...
विश्व सिकल सेल दिवस पर कुण्डलिया
बड़ दुखदायी रोग है, नाम है सिकल सेल ।
खून करे हॅसिया बरन, दर्द का करे खेल ।।
दर्द का करे खेल, जोड़ में फॅसकर हॅसिया ।
नहीं इसका इलाज, दर्द झेले दिन रतिया।।
फोलिक एसिड़ संग, खूब पानी फलदायी ।
शादी में रख ध्यान, रोग है बड़ दुखदायी ।।
...
Popular Posts
-
मानवता हो पंगु जब, करे कौन आचार । नैतिकता हो सुप्त जब, जागे भ्रष्टाचार ।। प्रथा कमीशन घूस हैे, छूट करे सरकार । नैतिकता के पाठ का,...
-
जिसे भाता ना हो, छल कपट देखो जगत में । वही धोखा देते, खुद फिर रहे हैं फकत में ।। कभी तो आयेगा, तल पर परिंदा गगन से । उड़े चाहे ऊॅचे, मन...
-
चरण पखारे शिष्य के, शाला में गुरू आज । शिष्य बने भगवान जब, गुरूजन के क्या काज ।। गुरूजन के क्या काज, स्कूल में भोजन पकते । पढ़ना-लिखना छ...
-
गणेश वंदना दोहा - जो गणपति पूजन करे, ले श्रद्धा विश्वास । सकल आस पूरन करे, भक्तों के गणराज ।। चौपाई हे गौरा गौरी के लाला । हे ल...
-
योग दिवस के राह से, खुला विश्व का द्वार । भारत गुरू था विश्व का, अब पुनः ले सम्हार ।। गौरव की यह बात है, गर्व करे हर कोय । अपने ही इस...
-
लोकतंत्र के राज में, जनता ही भगवान । पाॅंच साल तक मौन रह, देते जो फरमान । द्वार द्वार नेता फिरे, जोड़े दोनो हाथ । दास कहे खुद को सदा, म...
-
25.10.16 एक मंत्र है तंत्र का, खटमल बनकर चूस। झोली बोरी छोड़कर, बोरा भरकर ठूस ।। दंग हुआ यह देख कर, रंगे उनके हाथ । मूक बधिर बन आप ही, ...
-
प्रेम का मै हू पुजारी, प्रेम मेरा आन है । प्रेम का भूखा खुदा भी, प्रेम ही भगवान है ।। वासना से तो परे यह, शुद्ध पावन गंग है । जीव में जी...
-
चीं-चीं चिड़िया चहकती, मुर्गा देता बाँग । शीतल पवन सुगंध बन, महकाती सर्वांग ।। पुष्पकली पुष्पित हुई, निज पँखुडियाँ प्रसार । उद...
-
मदिरापान कैसा है, इस देश समाज में । अमरबेल सा मानो, फैला जो हर साख में ।। पीने के सौ बहाने हैं, खुशी व गम साथ में । जड़ है नाश का दार...
Categories
- अतुकांत (15)
- अध्यात्म (1)
- अनुष्टुप छंद (1)
- अमृत ध्वनि (4)
- आल्हा छंद (4)
- उल्लाल छंद (2)
- उल्लाला छंद (5)
- कहमुकरियां छंद (3)
- कुंडलियां (4)
- कुकुभ छंद (5)
- कुण्डलियां (105)
- गंगोदक सवैया (1)
- गजल (6)
- गीत (4)
- गीतिका छंद (8)
- घनाक्षरी (3)
- घनाक्षरी छंद (9)
- चवपैया छंद (2)
- चिंतन (4)
- चोका (16)
- चौपाई (4)
- चौपाई गीत (1)
- चौपाई छंद (6)
- चौबोला (1)
- छंद माला (1)
- छंदमाला (1)
- छन्न पकैया छंद (3)
- छप्पय छंद (5)
- तांका (7)
- तुकबंदी (2)
- तुकांत (20)
- त्रिभंगी छंद (7)
- त्रिवेणी (1)
- त्रिष्टुप छंद (1)
- दुर्मिल सवैया (1)
- देशभक्ति (10)
- दोहा (6)
- दोहा मुक्तक (4)
- दोहा-गीत (12)
- दोहे (99)
- नवगीत (11)
- नारी (1)
- पद (1)
- भजन (5)
- माहिया (1)
- मुक्तक (11)
- राजनैतिक समस्या (3)
- राधिका छंद (1)
- रूपमाला छंद (2)
- रोला छंद (4)
- रोला-गीत (2)
- वर्ण पिरामिड (7)
- विविध (1)
- शक्ति छंद (3)
- शब्दभेदी बाण (3)
- शिखरिणी छंद (1)
- शोभन (3)
- श्रृंगार (2)
- सजल (1)
- सरसी छंद (7)
- सवैया (1)
- सामाजिक समस्या (12)
- सार छंद (16)
- सिंहावलोकनी दोहा मुक्तक (6)
- हरिगीतिका (1)
- हाइकू (4)
- mp3 (6)