‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

Nawakar

Ramesh Kumar Chauhan

अटल बिहारी वाजपेई

अटल अटल है आपका, ध्रुव तरा सा नाम ।बोल रहा हर गांव में,  पहुंच सड़क का काम ।।जोड़ दिए हर गांव को, मुख्य सड़क के साथ।गांव शहर से  जब जुड़ा, कारज आया हाथ ।बदल दिया जीवन जगत,  देकर हमें विचार ।आम लोग भी खाश हैं,  दिए अटल आचार ।।लोकतंत्र का ध्येय जब, था धूसर तम श्याम।अंत्योदय का नाद कर, अटल किए निजी काम ।।स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, गढ़ा...

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