‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

Nawakar

Ramesh Kumar Chauhan

अटल बिहारी वाजपेई

अटल अटल है आपका, ध्रुव तरा सा नाम ।बोल रहा हर गांव में,  पहुंच सड़क का काम ।।जोड़ दिए हर गांव को, मुख्य सड़क के साथ।गांव शहर से  जब जुड़ा, कारज आया हाथ ।बदल दिया जीवन जगत,  देकर हमें विचार ।आम लोग भी खाश हैं,  दिए अटल आचार ।।लोकतंत्र का ध्येय जब, था धूसर तम श्याम।अंत्योदय का नाद कर, अटल किए निजी काम ।।स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, गढ़ा...

शिक्षा: एक अच्छा नौकर है, मालिक नहीं

 हमने विज्ञान का निबंधरटा था,विज्ञान एक अच्छा नौकर है,मालिक नहींआज एक समाचार पढ़ाएक मेजर के तीन लड़के थेखूब-पढ़ाया लिखायाऐशों आराम दौलत थमायासमय चक्र चलता गया,मेजर की पत्नी चल बसीबेटे पत्नियों से युक्तमेजर बूढ़ा हो चलाहाथ-पैर असक्‍तजुबान बंदवह बिस्तर का कैदी रह गया धन का कमी था नहींबेटे बाप को नौकर भरोसे छोड़विदेश चले गएमेजर के...

मुखौटा

उनके चेहरे परमहीन मुख श्रृंगारक लेप सा,भावों और विचारों काहै अदृश्‍य मुखौटामानवतावादी और सेक्‍युलरकहलाने वाले चेहरों कोमैं जब गौर से देखा,उनके चेहरे परपानी उलेड़ा तो मैंने पायान मानवतावादी मानवतावादी हैन ही सेक्‍युलर, सेक्‍युलरअपने विचारों केस्वजाति बंधुओं को हीवे समझते हैं मानवसेक्‍युलर भी विचार और आस्था से भिन्‍नप्राणियों को मानवकहां समझते...

चिंता या चिंतन

अनसुनी बातें सुनता रहा मैं अनकही बातें कहता रहा मैं अनदेखी दृश्य को देखकर ।विचारों की तंतुमन विबर की लार्वा सेतनता जा रहा थाउलझता-सुलझता हुआमन को हृदय की गहराई में देखकर ।।चिंता और चिंतन गाहे-बगाहे साथ हो चलेनैतिकता का दर्पण मेंअंकित छवि को देखकर...

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