
मन की आकांक्षा(चौपाई)अधिकारों से कर्तव्य बड़ा । जिस पर जड़ चेतन जीव खड़ाधर्म नहीं हर कर्म अमर है । मौत क्या यह जीवन समर हैजीवन को हम सरल बनायें । चुनौतियों को विरल बनायेंनयनों में क्यों नीर बहायें । दृग को पहरेदार बनायेदेह नहीं मन को दुख होता । नयन नहीं अंतस ही रोतामन चाहे तो दुख...