‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

छोड़ दक्षता आज, चाहिये शिक्षा हमको ??

शिक्षा हमको चाहिये, इसमें ना मतभेद ।
शिक्षा के उद्देश्य से, मुझको होता खेद ।
मुझको होता खेद, देख कर डिग्रीधारी ।
कागज में उत्तीर्ण, ,दक्षता पीड़ाकारी ।।
सुनलों कहे "रमेश", नौकरी चाही सबको ।
छोड़ दक्षता आज, चाहिये शिक्षा हमको ।।

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