//माँ भारती की आरती//
(212 212 212 212)
स्वर्ग से है बड़ी यह धरा मंगलम
मातरम मातरम मातरम मातरम
हिन्द जैसी धरा और जग में कहां
विश्व कल्याण की कामना हो जहां
ज्ञान की यह धरा मेटती घोर तम
मातरम मातरम मातरम मातरम
विश्व कल्याण की कामना हो जहां
ज्ञान की यह धरा मेटती घोर तम
मातरम मातरम मातरम मातरम
स्वर्ग से है बड़ी यह धरा मंगलम
मातरम मातरम मातरम मातरम
मातरम मातरम मातरम मातरम
श्याम की बांसुरी कर्म का नाद है
आचरण राम का नित्य संवाद है
हिन्द है वह धरा है जहां यह मरम
आचरण राम का नित्य संवाद है
हिन्द है वह धरा है जहां यह मरम
मातरम मातरम मातरम मातरम
स्वर्ग से है बड़ी यह धरा मंगलम
मातरम मातरम मातरम मातरम
मातरम मातरम मातरम मातरम
जय जयतु भारती जय जयतु भारती
कर जोर कर नित्य ही हम करे आरती
मातु ये है हमारी व संतान हम
मातरम मातरम मातरम मातरम
कर जोर कर नित्य ही हम करे आरती
मातु ये है हमारी व संतान हम
मातरम मातरम मातरम मातरम
स्वर्ग से है बड़ी यह धरा मंगलम
मातरम मातरम मातरम मातरम
मातरम मातरम मातरम मातरम
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