
हर हर महादेव ..................... माह सावन है लुभावन, वास भोलेनाथ का । आरती पूजा करे हम, व्रत भी भोलेनाथ का ।। लोग पार्थिव देव पूजे, नित्य नव नव रूप से । कामना सब पूर्ण करते, ले उबारे कूप से ।। -रमेशकुमार सिंह चौह...
Ramesh Kumar Chauhan
विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।
Manwata kaha hai ?
AAPNI AAKHO SE DEKHO
MAI DESH KA ..
अटल अटल है आपका, ध्रुव तरा सा नाम । बोल रहा हर गांव में, पहुंच सड़क का काम ।। जोड़ दिए हर गांव को, मुख्य सड़क के साथ। गांव शहर से जब जुड़ा...