‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

सीखें जीने की कला

सीखें जीने की कला, सिखा गयें हैं राम ।
कैसे हो संबंध सब, कैसे हो सब काम ।।
कैसे हो सब काम, गढ़े जो नव मर्यादा ।
नातों में अपनत्व, हृदय में नेक इरादा ।।
कर्म रचे संसार, कर्मफल एक सरीखे ।
मानवता है धर्म, मनुज बनना सब सीखें ।।

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