‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

हम मजदूर

रूपमाला छंद

राम जाने राम जाने, कौन लाया रोग ।
हो गया है बंद दुनिया, कष्ट भोगे लोग ।।
चीन दोषी चीन दोषी, राग छेडे ट्रंप ।
तेज गति से तेज दौड़े, ले करोना जंप ।।

लाॅक डाउन लाॅक डाउन, बंद चारों खंद ।
काम धंधा बंद है जी, चार पैसा बंद ।।
पेट मांगे भात दे दो, आज हम मजबूर ।
हाथ मांगे काम दे दो, लोग हम मजदूर ।

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