बलिदानी इस देश के, बोल रहे हैं याद में ।।
अखिल हिन्द सब एक हो, देशभक्ति की प्यास में ।।
सुख का लालच छोड़ कर, करना अब मतदान है ।।
Ramesh Kumar Chauhan
विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।
Manwata kaha hai ?
AAPNI AAKHO SE DEKHO
MAI DESH KA ..
अभिनंदन नववर्ष
(दुर्मिल सवैया )
अभिनंदन पावन वर्ष नया
दुख नाशक हो सुख ही करिये ।
नव भाग्य रचो शुभ कर्म कसो
सब दीनन के घर श्री धरिये ।
परिवार सभी परिवार बने
मन द्वेष पले उनको हरिये ।
जग श्री शुभ मंगलदायक हो
सुख शांति चराचर में भरिये ।।
-रमेश चौहान
अटल अटल है आपका, ध्रुव तरा सा नाम । बोल रहा हर गांव में, पहुंच सड़क का काम ।। जोड़ दिए हर गांव को, मुख्य सड़क के साथ। गांव शहर से जब जुड़ा...