‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

आखिर क्यों ??

देर है अंधेर नहीं
जन्म से अब तक
सुनते आ रहे हैं
एक प्रश्न
छाती तान कर खड़ा है
न्याय में देरी होना क्या न्याय हैं ?
एक प्रश्न खड़ा  है
आरोपियों को दोषियों की तरह
सजा क्यों दी जाती है ?
क्या सभी आरोपी दोषी सिद्ध होते है ?
यदि हां तो
वर्षों तक कोर्ट का चक्कर क्यों ?
यदि नहीं तो
आरोपी के अनमोल वर्ष जो जेल में बीते,
दुख अपमान कष्ट में बीते,
उन क्षणों का भुगतान कौन करे ?
क्या कभी
झूठे आरोप लगाने वालों को सजा हुई है ?
क्या कोई कभी
इस सिस्टम पर प्रश्न खड़ा किया है ?
क्या कोई संगठन
उन निर्दोष आरोपियों के पक्ष में
प्रदर्शन किया है ?
सभी आरोपी दोषी नहीं होते
तो क्यों
आरोपियों को दोषियों की भांति सजा दी जाती है
क्यों क्यों क्यों
आखिर क्यों ?????

Blog Archive

Popular Posts

Categories