‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

रक्तों का प्यासा हुआ, भेड़ों का वह भीड़

रक्तों का प्यासा हुआ, भेड़ों का वह भीड़ ।
अफवाहों में जल रहे, निर्दोषों का नीड़ ।।
निर्दोषों का नीड़,  बचे चिंता है किसको ।
जनता बकरी-भेड़, आज लगते हैं जिसको ।
खरी-खरी इक बात, कहें उन अनुशक्तों का ।
फँसे लोभ के फाँस, , हुये प्यासे रक्तों का।

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