‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

नष्ट मूल से कीजिये

राजनीति के जाल में, राष्ट्रप्रेम क्यो कैद ।
एक राष्ट्रद्रोही दिखे, दूजा प्रेमी बैद ।।

करें खूब आलोचना, लोकतंत्र के संग ।
द्रोह देष से क्यों करे, राजनीति के रंग ।।

सेलिब्रेटी मान्यजन, रहे नही अब मौन ।
नष्ट मूल से कीजिये, हर आतंकी दौन ।।
(दौन-दमन)

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