‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

गीत


सेठों को

देखा नही,

हमने किसी कतार में

 

फुदक-फुदक कर यहां-वहां जब

चिड़िया तिनका जोड़े

बाज झपट्टा मार-मार कर

उनकी आशा तोड़े

 

जीवन जीना है कठिन,

दुनिया के दुस्वार में

 

जहां आम जन चप्पल घिसते

दफ्तर-दफ्तर मारे ।

काम एक भी सधा नही है

रूके हुयें हैं सारे

 

कौन कहे कुछ बात है,

दफ्तर उनके द्वार में

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