‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

माॅं को नमन

मेरा मन है पूछता, मुझसे एक सवाल ।
दिवस एक क्यों चाहिये, दिखने माॅं का लाल ।।
दिखने माॅं का लाल, खोजता क्यों है अवसर ।
रग पर माॅं का दूध, भूल जाता क्यों अक्सर ।।
सुनकर मन की बात, हटा जग से अंधेरा ।
करे सुबह अरू शाम, नमन माॅं को मन मेरा ।।

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