‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

पीर का तौल नही है

तौल नही है पीर का, नहीं किलो अरु ग्राम ।
प्रेमी माने पीर को, जीवन का स्वर-ग्राम ।।
जीवन का स्वर-ग्राम, प्रीत की यह तो भगनी ।
अतिसय प्रिय है प्रीत, कृष्ण की जो है सजनी ।।
प्रीत त्याग का नाम, गोपियां कौल कहीं है ।।
प्राण प्रिया है पीऱ, पीर का तौल नही है ।

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