भौतिक सुख में हो मगन, माना कब भगवान ।
अब तक तुम कहते रहे, ईश्वर शिला समान ।
ईश्वर शिला समान, पूजते नाहक पाहन ।
घेरे तन को कष्ट, लगे करने अवगाहन ।।
औषध करे न काम, दुआ करते तब कौतिक ।
भजते तब तब राम, छोड़ सुख सारे भौतिक ।।
अब तक तुम कहते रहे, ईश्वर शिला समान ।
ईश्वर शिला समान, पूजते नाहक पाहन ।
घेरे तन को कष्ट, लगे करने अवगाहन ।।
औषध करे न काम, दुआ करते तब कौतिक ।
भजते तब तब राम, छोड़ सुख सारे भौतिक ।।
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