‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

कीजिये रक्षा माता

माता की जयकार से, गूंजे है दरबार ।
माता तेरी भक्ति में, झूमे है संसार ।।
झूमे है संसार, भेट श्रद्धा के लाये ।
रखे भक्त उपवास, मनौती तुझे सुनाये।।
बढ़े असुर दल आज, पाप अब सहा न जाता ।
दुष्ट बचे ना एक, कीजिये रक्षा माता ।।

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