पानी हमको चाहिये, पानी से है प्राण ।
पानी में पानी गयो, जीवन मरण समान ।।
जीवन मरण समान, कहे ना कोई नेता ।
सूखे की यह मार, दिखें हैं केवल रेता ।।
ढ़ूंढ़ घूट भर नीर, दरारों में दिलजानी ।
मांगे हैं नर नार, दीजिये हमको पानी ।।
पानी में पानी गयो, जीवन मरण समान ।।
जीवन मरण समान, कहे ना कोई नेता ।
सूखे की यह मार, दिखें हैं केवल रेता ।।
ढ़ूंढ़ घूट भर नीर, दरारों में दिलजानी ।
मांगे हैं नर नार, दीजिये हमको पानी ।।
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